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लेखनी प्रतियोगिता -24-Jul-2022



तेरी मेरी मोहब्बत का कुछ हिसाब लिखूं
सोचता हूँ तुझपर मैं एक किताब लिखूं।

तुमको देखा था पहली बार अपने आँगन में
देखते ही तुम्हारा रूप मैं अभिभूत हुआ
कैसा चेहरा, कैसी मुस्कान, कैसा भोलापन
जैसे वरदान कोई मुझपे फलीभूत हुआ।
तुमको कोयल लिखूं कि तुमको आफताब लिखूं
सोचता हूँ तुमपर मैं एक किताब लिखूं।

एक दुल्हन से गृहणी जो तुम नजर आई
मेरे जीवन में जैसे स्वर्ग का असर लाई
एक सूखे हुए उपवन को हरा कर डाला
मैं तो खोटा था मुझको भी खरा कर डाला।
कैसे गिनकर तुम्हारे गुण मैं बेहिसाब लिखूं
चलो एक काम करूँ तुमपे एक किताब लिखूं।




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18 Comments

बेहतरीन भाई Kya अंदाज है लाजवाब

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बहुत बहुत शानदार जानदार लाजवाब

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Madhumita

25-Jul-2022 06:33 PM

बहुत ही सुन्दर

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Anshumandwivedi426

26-Jul-2022 09:52 PM

सहृदय धन्यवाद

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